Sunday 10 July 2011

नाथूराम का दर्द ....


आज ८ करोड बंग्लादेशी अवैध रूप से भारत में बसे हुवे हैं यह संसद भी स्वीकार कर चुकी है .घुसपैठिए अभी भी आ रहे हैं ..भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में इनका बड़ा हाथ है यह भी प्रमाणित हो चूका है .इन हालातों में हमारे प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह बांग्लादेश की यात्रा पर जा रहे हैं .वे वहां बांग्लादेश की सरकार को एक खरब डालर की आर्थिक सहायता देकर २० नई परियोजनाएं चालू करवाएँगे .
एक ओर भारत में डीजल ,पेट्रोल ,गैस के दाम बढ़ा कर जनता का गला घोंटा जा रहा है ,वहीं दूसरी और वही पैसा बांग्लादेश को दान में दिया जा रहा है .. इसका क्या मतलब निकालें ..?
आज नाथू राम का दर्द समझ में आ रहा है....

Wednesday 6 July 2011

आदिवासी भाइयों पर एक और मुसीबत ....

श्री महेंद्र कर्मा ठीक कह रहे हैं ..सरकार, सलवाजुडूम के सन्दर्भ में अपना पक्ष सही ढंग से नही रख सकी ..अब इसके भयंकर परिणाम निकल सकते हैं .स्थानीय युवा बेरोजगार तो होंगे ही ..शस्त्र विहीन हो जाने से उनका जीना मुश्किल हो जाएगा ..नक्सली उन्हें छोड़ेंगे नहीं ..एस .पि. ओ .तो पहले ही उनकी हिट लिस्ट में हैं ..

क्या आप जानते हैं .संघर्ष किसके साथ है ?

पहले तो नक्सली समर्थक विनायक सेन योजना आयोग का सदस्य बन गया ..अब दूसरे नक्सली समर्थक अग्निवेश पर हुए तथा कथित हमले की सि.बी .आई .जाँच के भी आदेश जारी हो गये हैं ..क्या  सि.बी .आई .अब हर छोटे मोटे प्रदर्शनों की भी जाँच करते रहेगी ?
आखिर ऐसे आदेश जारी कैसे हो रहे हैं ...?

Tuesday 5 July 2011

आखिर किसी ने तो दम दिखया .....

आज जब यह स्पष्ट हो चुका है की भ्रष्टाचार करने वालों में मंत्री, ऑफिसर तथा कॉर्पोरेट्स  की तिकड़ी ही प्रमुख रूप से शामिल हैं .सभी भारतीय अपने आप को काफी अकेला सा महसूस कर रहे हैं. .तब सुप्रीम कोर्ट दमदारी से  हमारे सम्मुख आया है..परेशान भारतियों के लिए यह सचमुच बहुत बड़ी राहत है ..जो भी लोग देश की वर्तमान स्थिति से चिंतित हैं और किसी भी कीमत पर देश को इस मुसीबत से बाहर निकालना चाहते हैं उनके लिए न्यायालय के रूप में एक भरोसेमंद सहारा सामने उपस्थित हुआ है ....
पहले सूचना का अधिकार और अब दमदार न्यायालय ...जो भी लोग आज न्याय पाने या देश को, इन देशी लुटेरों से बचाने के लिए संघर्ष करने की सचमुच चाह रखते हैं ..वे इन साधनों का उपयोग जरूर करें ..देश की स्थिति पर केवल चिंता प्रकट करने मात्र से कुछ नही होने वाला ....
सुप्रीम कोर्ट को बुद्धिजीवियों का भी साथ मिल जाए ..तब देश के उज्ज्वल भविष्य को कोई रोक नही सकता ...

Saturday 2 July 2011

श्रद्धांजली ...जिसने बचाई १५०० लोगों की जान....

गुरुवार दोपहर १ बजे जबलपुर के पास भेडाघाट  रेल्वे ट्रेक पर राजकोट एक्सप्रेस आ रही थी ''दसई'' का गेंग उसी ट्रेक पर काम कर रहा था.. .उसने देखा फिश प्लेट के नट बोल्ट लटक रहे थे .फिश प्लेट भी झूल रही थी , परन्तु ट्रेन भी नजदीक आ चुकी थी .. अगर ट्रेन उस पर से गुजरती तो निश्चित ही पलट जाती .. ''दसई '' अपने दो साथियों  के साथ उसे टाईट करने में जुट गया ..लेकिन ट्रेन बहुत नजदीक आ चुकी थी ..दो साथी किनारे आ गये .लेकिन वह ट्रेन को देख कर भी काम में जुटा रहा ..उधर ड्राइवर सिटी पर सिटी बजाते जा रहा था और ''दसई '' ..को ट्रेन में सवार १५०० लोगों की जान जाती दिख रही थी ..वह आखिर तक नट कसते रहा ..धड धड करती ट्रेन '' दसई '' के परखच्चे उड़ाती निकल गई.. मौत उसके सामने थी ..चाहता तो वह भी अपनी जान बचा सकता था ..लेकिन उसने अपने से ज्यादा लोगों का ध्यान रखा .. ऐसे देव  पुरुष को हमारी आत्मिक श्रद्धांजली ...